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राजस्थान दिवस और राजस्थानी भाषा दिवस

30 मार्च, 1949 को सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जयपुर में एक समारोह में ग्रेटर राजस्थान का उद्घाटन किया था । इसलिए हर साल 30 मार्च को राजस्थान दिवस मनाया जाता है। राजस्थानी भाषा दिवस हर साल 21 फ़रवरी को मनाया जाता है

राजस्थानी भाषा दिवस

राजस्थानी भाषा दिवस हर साल 21 फ़रवरी को मनाया जाता है. राजस्थानी भाषा की उत्पत्ति गुर्जरी अपभ्रंश से हुई है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने 21 फरवरी 2021 को राजस्थानी भाषा दिवस मनाने के लिए सभी राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों / निजी विश्वविद्यालयों / सभी कॉलेजों के विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया है।

राजस्थानी भाषा का शब्दकोश डॉक्टर सीताराम लालस ने तैयार किया था. वे एक प्रसिद्ध भाषाविद् और कोशकार थे. उन्हें सीता रामजी माड़साब के नाम से भी जाना जाता है.

राजस्थानी भाषा का पहला उपन्यास ‘कनक सुंदर’ है. इसे शिवचंद्र भरतिया ने 1903 ईस्वी में लिखा था

यूनेस्को ने हर साल 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है ताकि मातृभाषा को बढ़ावा दिया जा सके।

प्रदेश में प्रचलित बोलियों की वजह से मूल राजस्थानी भाषा को लेकर कभी एक राय नहीं बन पाई. राज्य में मारवाड़ी भाषा नागौर, पाली, जोधपुर, जैसलमेर और बीकानेर इलाके में बोली जाती है. तो उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा क्षेत्र में मेवाड़ी का प्रचलन है. इसी तरह बांसवाड़ा और डूंगरपुर का क्षेत्र बागड़ी का है तो जयपुर अंचल के दौसा, टोंक और सीकर में ढूंढाड़ी वहीं कोटा और बूंदी क्षेत्र हाड़ौती का है. जबकि भरतपुर में ब्रज भाषा का जोर है.

भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची भारत की भाषाओं से संबंधित है। इस अनुसूची में 22 भारतीय भाषाओं को शामिल किया गया है। लेकिन इसमें राजस्थानी भाषा को अभी तक शामिल नहीं किया जा है

राजस्थानी भाषा की सबसे पुरानी पुस्तक कुवलयमाला है. जैन मुनि उद्योतन सूरी ने इसे 779 ईस्वी में लिखा था. यह जाबालिपुर (जालोर, राजस्थान) में लिखी गई थी. इस किताब में राजस्थानी भाषा को ‘मरुभाषा’ कहा गया है.

राजस्थान दिवस

राजस्थान दिवस हर साल 30 मार्च को मनाया जाता है.राजस्थान को पहले राजपूताना के नाम से जाना जाता था और 30 मार्च 1949 को इसे अस्तित्व में लाया गया और 30 मार्च, 1949 को सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जयपुर में एक समारोह में ग्रेटर राजस्थान का उद्घाटन किया था । इसलिए हर साल 30 मार्च को राजस्थान दिवस मनाया जाता है।

राजस्थान शब्द का अर्थ है: ‘राजाओं का स्थान’ क्योंकि यहां राजपूतों ने बहुत समय तक राज किया था इसलिए राजस्थान को राजपूताना कहा जाता था।

राजस्थान स्थापना दिवस

1 नवम्बर को राजस्थान स्थापना दिवस मनाया जाता है । क्योकि 1 नवंबर, 1956 को राजस्थान के निर्माण का काम पूरा हुआ था राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया 18 मार्च, 1948 को शुरू हुई थी. यह प्रक्रिया सात चरणों में 01 नवंबर 1956 को पूरी हुई थी. इस दिन राजप्रमुख का पद खत्म हो गया और राज्यपाल का पद बना.

निरोगी राजस्थान दिवस

17 दिसम्बर को ”निरोगी राजस्थान दिवस” मनाया जायेगा। राजस्थान में निरोगी राजस्थान अभियान की शुरुआत 18 दिसंबर, 2019 को हुई थी. इस अभियान के ज़रिए प्रदेश में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा रही है.

कर्नल जेम्स टॉड को राजस्थान के इतिहास का जनक कहा जाता है. वे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी और ओरिएंटल विद्वान थे. उन्होंने भारत के इतिहास और भूगोल पर कई रचनाएं लिखीं.

By Rohit

My name is Rohit and I am from Rajasthan. I have done B.Tech from National Institute of Technology Hamirpur. I am selected in Rajasthan JE, SSS JE, DFCCIL, Coal India, HPCL etc.

I am also manage instagram id – Rajasthan1GK4 and Twitter account (X account) – rajasthan1gk4

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