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राजस्थान के अभयारण्य – Sanctuaries of Rajasthan

राजस्थान अपने राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभ्यारण्यों के लिए प्रसिद्ध है। 23 अप्रैल 1951 को राजस्थान वन्य-पक्षी संरक्षण अधिनियम 1951 लागू किया गया। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 भारत सरकार द्वारा 9 सितंबर 1972 को लागू किया गया था। राजस्थान में इसे 1 सितंबर 1973 को लागू किया गया था।

42वें संविधान संशोधन, 1976 द्वारा वनों को राज्य सूची से हटाकर समवर्ती सूची में डाल दिया गया।

वन्यजीव अभयारण्य जिला अभयारण्य घोषित
बंध बारेठा अभयारण्य भरतपुर 1985
कुंभलगढ़ अभयारण्य राजसमंद, पाली, उदयपुर 1971
माउंट आबू अभयारण्य सिरोही 1960
सीतामाता अभयारण्य प्रतापगढ़ 1979
ताल छापर अभयारण्य चूरू 1966
कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्यकरौली, सवाईमाधोपुर 1983
फुलवारी की नाल अभयारण्य उदयपुर 1983
टॉडगढ़ रावली अभयारण्यपाली, राजसमंद, ब्यावर 1983
जमवारामगढ़ अभयारण्य जयपुर 1982
राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्यकोटा, सवाईमाधोपुर, बूंदी, धौलपुर, करौली 1979
भैंसरोड़गढ़ अभयारण्य चित्तौड़गढ़ 1983
बस्सी अभयारण्यचित्तौड़गढ़ 1988
जवाहर सागर अभयारण्यकोटा, बूंदी, चित्तौड़गढ़ 1975
शेरगढ़ अभयारण्यबारां 1983
जयसमंद अभयारण्यउदयपुर 1957
नाहरगढ़ जैविक अभयारण्यजयपुर 1977
रामसागर अभयारण्य धौलपुर 1955
वन विहार अभयारण्य धौलपुर1955
केसरबाग अभयारण्य धौलपुर1955
सज्जनगढ़ अभयारण्य उदयपुर 1987
सरिस्का ‘अ’ अभयारण्य अलवर
सवाई मानसिंह अभयारण्य सवाईमाधोपुर 1984
सरिस्का अभयारण्यअलवर
रामगढ़- विषधारी अभयारण्य बूंदी

कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य (राजसमंद, पाली, उदयपुर) :- कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है और राजसमंद, उदयपुर, और पाली जिलों भी इस अभ्यारण्य में शामिल है। इसे 1971 में स्थापित किया गया था। बनास नदी का उद्गम कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में स्थित खमनौर पहाड़ियों से होता है, जो राजसमंद जिले में कुंभलगढ़ के पास स्थित है। कुंभलगढ़ किला कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य के अंदर स्थित है।

बंध बारेठा अभयारण्य (भरतपुर) :- बंध बारेठा वन्यजीव अभयारण्य राजस्थान के भरतपुर जिले की बयाना तहसील में स्थित है। बंध बारेठा बांध का निर्माण 1866 में महाराजा जसवंत सिंह ने कुकुंद नदी पर शुरू किया था और 1897 में महाराजा राम सिंह के शासनकाल में पूरा हुआ।

माउंट आबू अभयारण्य (सिरोही) :- माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य राजस्थान के सिरोही जिले के माउंट आबू में स्थित है। अरावली की सबसे ऊँची चोटी गुरु शिखर भी माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य में स्थित है। गुरु शिखर की ऊँचाई 1722 मीटर है। आबू अभयारण्य में लगभग 820 पुष्प प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यह राजस्थान का एकमात्र ऐसा स्थान है जहाँ विभिन्न प्रकार के ऑर्किड देखे जा सकते हैं। इस अभयारण्य में जंगली गुलाब की 3 प्रजातियाँ और फेरस की 16 प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

सीतामाता अभयारण्य (प्रतापगढ़) :- सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य प्रतापगढ़ जिले में स्थित है और इसका नाम सीता माता मंदिर से लिया गया है, जो अभयारण्य के भीतर स्थित है। उड़न गिलहरी (Petaurista philippensis), चौसिंगा हिरण और पेंगोलिन सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य में पाई जाती हैं। जाखम, करमोई और सीता नदियां अभयारण्य से होकर बहती हैं।

ताल छापर अभयारण्य (चूरू) :- ताल छापर वन्यजीव अभयारण्य राजस्थान के चुरू जिले में सुजानगढ़ तहसील के पास स्थित है। ताल छापर अभयारण्य काले हिरण (ब्लैकबक) लिए प्रसिद्ध है और अभयारण्य में घास के मैदान में पाई जाने वालीं सेवन, धामन, और मोथिया जैसी घास के लिए प्रसिद्ध हैं।

कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य (करौली, सवाईमाधोपुर) :- कैला देवी मंदिर के नाम पर अभयारण्य का नाम रखा गया है जो की इस अभ्यारण्य के अंदर ही स्थिति है। कैलादेवी अभयारण्य रणथंभौर टाइगर रिजर्व का बफर जोन है।

फुलवारी की नाल वन्यजीव अभयारण्य (उदयपुर) :- फुलवारी की नाल वन्यजीव अभयारण्य राजस्थान के उदयपुर जिले में कोटड़ा और झाड़ोल तहसीलों में स्थित है। फुलवारी की नाल अभयारण्य से मानसी, वाकल और सोम नदियों का उद्गम होता है। फुलवारी की नाल वन्यजीव अभयारण्य राजस्थान का एकमात्र अभयारण्य है जहाँ काला धौंक (Anogeisus pendula) नहीं मिलता।

टॉडगढ़ रावली वन्यजीव अभयारण्य (पाली, राजसमंद, ब्यावर) :- टॉडगढ़ रावली वन्यजीव अभयारण्य राजस्थान के ब्यावर, पाली और राजसमंद जिलों में फैला हुआ है। इसका नाम ब्रिटिश अधिकारी कर्नल जेम्स टॉड के नाम पर पड़ा।

गोरम घाट हेरिटेज ट्रेन (गोरम घाट रेलवे ट्रैक ,मीटर गेज) टॉडगढ़ रावली वन्यजीव अभयारण्य के झरनों और सुरंगों से होकर गुजरती है। भील बेरी झरना, दुधलेश्वर महादेव मंदिर, प्रज्ञा शिखर और दिवेर स्थल इसी अभ्यारण्य में स्थित है।

जमवारामगढ़ वन्यजीव अभयारण्य (जयपुर) :- जमवारामगढ़ वन्यजीव अभयारण्य जयपुर में स्थित है 1982 के एशियाई खेलों के दौरान रामगढ़ बांध में रोइंग प्रतियोगिताएँ आयोजित की गई थीं और अभी रामगढ़ बांध सुख गया है इसमें पानी लाने के लिए क्रत्रिम वर्षा कराने की कोशिश की जा रही है।

राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य (कोटा, सवाईमाधोपुर, बूंदी, धौलपुर, करौली) :- यह अभयारण्य मुख्य रूप से गंभीर रूप से लुप्तप्राय घड़ियाल, लाल मुकुट वाले कछुए (रेड-क्राउन्ड रूफ टर्टल) और गंगा नदी की डॉल्फिन के संरक्षण के लिए चंबल नदी के आसपास क्षेत्र में बनाया गया था।

भैंसरोड़गढ़ अभयारण्य (चित्तौड़गढ़) :- भैंसरोड़गढ़ वन्यजीव अभयारण्य राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है, जो चंबल और ब्राह्मणी नदियों के संगम पर फैला हुआ है।

बस्सी अभयारण्य (चित्तौड़गढ़) :- बस्सी वन्यजीव अभयारण्य चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संरक्षित क्षेत्र है, जो बस्सी कस्बे के पास स्थित है। यह अभयारण्य बस्सी किले से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर है।

जवाहर सागर अभयारण्य (कोटा, बूंदी, चित्तौड़गढ़) :- जवाहर सागर वन्यजीव अभयारण्य ,राजस्थान के कोटा जिले में स्थित है, जो जवाहर सागर बांध (जिसे भीम सागर बांध के नाम से भी जाना जाता है) के आसपास फैला हुआ है।

शेरगढ़ अभयारण्य (बारां) :- शेरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य बारां जिले में स्थित है, जो अटरू तहसील के शेरगढ़ कस्बे के पास फैला हुआ है।

  • यह परवन नदी के किनारे स्थित है, जो अभयारण्य को दो असमान भागों में विभाजित करती है।
  • घोड़े की नाल के आकार की घाटी इसकी खासियत है
  • शेरगढ़ किला, कुंडा खोह जलप्रपात, पाड़ा खोह आकर्षण स्थान इसी अभ्यारण्य के अन्दर हैं।
  • शेरगढ़ अभयारण्य को सांपों की शरणस्थली कहां जाता है।

जयसमंद अभयारण्य (उदयपुर) :- जयसमंद अभयारण्य राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित है। यह अभयारण्य जयसमंद झील के आसपास फैला हुआ है और जयसमंद झील, जिसे ढेबर झील के नाम से भी जाना जाता है, एशिया की दूसरी सबसे बड़ी कृत्रिम झील है

नाहरगढ़ जैविक अभयारण्य (जयपुर) :- नाहरगढ़ जैविक अभयारण्य जयपुर शहर से लगभग 12-15 किलोमीटर दूर, नाहरगढ़ किले के पास स्थित है।

केसरबाग अभयारण्य, वन विहार अभयारण्य, रामसागर अभयारण्य तीनों अभ्यारण्य राजस्थान के धौलपुर जिले में स्थित है।

सज्जनगढ़ अभयारण्य (उदयपुर) :- सज्जनगढ़ वन्यजीव अभयारण्य राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित है। इस अभयारण्य के पास में सज्जनगढ़ पैलेस (मानसून पैलेस) पास स्थित है

सवाई मानसिंह अभयारण्य (सवाईमाधोपुर) :- सवाई मानसिंह वन्यजीव अभयारण्य राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित है, जो रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान का बफर जोन माना जाता है।

सरिस्का ‘अ’ अभयारण्य (अलवर) :- राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है।

By Rohit

My name is Rohit and I am from Rajasthan. I have done B.Tech from National Institute of Technology Hamirpur. I am selected in Rajasthan JE, SSS JE, DFCCIL, Coal India, HPCL etc.

I am also manage instagram id – Rajasthan1GK4 and Twitter account (X account) – rajasthan1gk4

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