राजस्थान में अभी 4 रामसर स्थल हैं: भरतपुर का केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान, सांभर झील, खीचन गांव (फलोदी) और मेनार गांव (उदयपुर)। राजस्थान में मेनार और खींचन को मिलाकर राजस्थान में अब 4 रामसर साइट हो गई है।
पारिस्थितिक रूप से नाजुक आर्द्रभूमि स्थलों की रक्षा के लिए 1971 में ईरानी शहर रामसर में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था, ताकि दुनिया भर में आर्द्रभूमि के संरक्षण और संरक्षण पर अंतर्राष्ट्रीय सहमति बनाई जा सके। हर साल 2 फ़रवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाया जाता है.
सांभर झील – 1990 में सांभर झील को रामसर साइट घोषित किया गया था।सांभर झील को छह नदियों से पानी मिलता है: मंथा, रूपनगढ़, खारी, खंडेला, मेड़था और सामोद । सांभर झील हजारों प्रवासी फ्लेमिंगो के लिए एक आश्रय स्थल है! सांभर झील, राजस्थान की सबसे बड़ी खारी झील है. यह भारत की सबसे बड़ी अंतर्देशीय खारे पानी की झील भी है. यह झील जयपुर के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है.
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान – अक्टूबर 1981 में केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान को रामसर साइट घोषित किया गया था। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान के भरतपुर में स्थित है.इसे साल 1971 में संरक्षित पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान साल 1985 में इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था. • यह गंभीर रूप से लुप्तप्राय साइबेरियाई सारस की बड़ी आबादी के लिए एकमात्र शीतकालीन आश्रय स्थल है
मेनार गांव (उदयपुर) – उदयपुर के मेनार गांव को ‘बर्ड विलेज’ के नाम से जाना जाता है।मेनार वेटलैंड एक मीठे पानी का मानसून वेटलैंड परिसर है। इसमें तीन तालाब हैं – ब्रह्म तालाब, ढांड तालाब और खेरोदा तालाब। वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र में आने वाले मेनार गांव को बर्ड विलेज के नाम से जाना जाता है। यहां 200 से अधिक प्रजातियों के पक्षी आते है। मेनार में संकटग्रस्त सारस क्रेन, ब्लैक नेक्ड स्टॉर्क, वूली नेक्ड स्टॉर्क, फेरूजीनस पोचार्ड, डालमेशियन पेलिकन और ब्लैक टेल्ड गॉडविट आदि की प्रजातियां भी देखी गईं।
जून 2025 में मेनार को रामसर साइट घोषित किया गया था।
उदयपुर का मेनार गांव ‘बारूद की होली’ के लिए प्रसिद्ध है।
खीचन गांव (फलोदी) – सर्दियों में खीचन गांव, प्रवासी पक्षी (कुरजां पक्षी) डेमोइसेल क्रेन्स (Anthropoides virgo) के बड़े शीतकालीन झुंडों की मेजबानी के लिए जाना जाता है जून 2025 में खींचन को रामसर साइट घोषित किया गया था। खीचन वेटलैंड साइट थार रेगिस्तान के उत्तरी भाग में स्थित एक रेगिस्तानी वेटलैंड, रात्री नदी और विजयसागर तालाब के कारण बना है।

उदयपुर शहर – राजस्थान के उदयपुर और मध्य प्रदेश के इंदौर को यूनेस्को के रामसर सम्मेलन द्वारा वेटलैंड सिटी की सूची में शामिल किया गया है।उदयपुर शहर को जनवरी 2025 रामसर आर्द्रभूमि स्थलों की सूची में जोड़ा गया था। राजस्थान का उदयपुर शहर भारत में झीलों के शहर के रूप में प्रसिद्ध है। यह पाँच प्रमुख आर्द्रभूमि-रंग सागर, पिछोला, दूध तलाई, फतेह सागर और स्वरूप सागर द्वारा घिरा हुआ है।
3 replies on “राजस्थान में रामसर साइट Ramsar sites in rajasthan”
राजस्थान में आर्द्रभूमि और उनके संरक्षण का महत्व बहुत अधिक है। सांभर झील जैसे स्थल न केवल प्राकृतिक सौंदर्य बल्कि पारिस्थितिक संतुलन के लिए भी अहम हैं। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान जैसे स्थल पक्षियों के लिए एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करते हैं। उदयपुर शहर की झीलें पर्यटन और पर्यावरण दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं। आप इन आर्द्रभूमि स्थलों के भविष्य में और विकास के बारे में क्या सोचते हैं?
राजस्थान में आर्द्रभूमि का संरक्षण एक महत्वपूर्ण विषय है। सांभर झील, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान और उदयपुर शहर जैसे स्थान प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता के लिए जाने जाते हैं। यह प्रयास वैश्विक स्तर पर आर्द्रभूमि के महत्व को उजागर करता है। क्या इन जगहों के संरक्षण से अन्य राज्यों में भी इस तरह की पहल को प्रोत्साहन मिलेगा?
very nice