संविधान सभा में राजस्थान के 11 सदस्य को राजस्थान की विभिन्न रियासतों से शामिल किया गया और राजस्थान की रियासतों के 4 प्रशासनिक अधिकारी को संविधान सभा सदस्य बनाया गया था। राजस्थान से संविधान पर हस्ताक्षर करने वाले पहले व्यक्ति उदयपुर के बलवंत सिंह मेहता थे। संविधान निर्माण में राजस्थान के चित्रकार कृपाल सिंह शेखावत का योगदान था।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1935 के लखनऊ अधिवेशन में संविधान सभा बनाने की मांग को अपना लिया और इसे औपचारिक रूप से उठाया। यह मांग भारत सरकार अधिनियम, 1935 के पारित होने के बाद की गई थी और इसका उद्देश्य वयस्क मताधिकार के आधार पर भारत के लिए एक संविधान का निर्माण करना था।
1938 में, जवाहरलाल नेहरू ने घोषणा की कि स्वतंत्र भारत का संविधान एक निर्वाचित संविधान सभा द्वारा बनाया जाएगा और इसमें कोई बाहरी हस्तक्षेप नहीं होगा। यह मांग भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से की गई थी और इसे ब्रिटिश सरकार द्वारा सैद्धांतिक रूप से स्वीकार किया गया था, जिसे बाद में ‘अगस्त प्रस्ताव’ के नाम से जाना गया।
संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन योजना 1946 के तहत 6 दिसंबर 1946 को हुआ था। संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई, जिसमें डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा को अस्थायी अध्यक्ष और डॉ. राजेंद्र प्रसाद को बाद में संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष चुना गया।
- प्रारूप समिति (29 अगस्त 1947) के अध्यक्ष डॉ भीमरांबेडकर को बनाया गया।
- संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार बी. एन. राव थे।
- जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा में उद्देश्य प्रस्ताव 13 दिसंबर, 1946 को पेश किया था, जिसे 22 जनवरी, 1947 को अपनाया गया था। इस प्रस्ताव में भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया और इसमें लोगों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के साथ समानता और स्वतंत्रता की गारंटी दी गई।
- भारत का संविधान बनने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे थे। यह प्रक्रिया 9 दिसंबर 1946 को शुरू हुई थी और 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया था।
- 26 जनवरी 1950 को संविधान को पूरे देश में लागू किया गया।
- संविधान सभा की अंतिम बैठक संविधान निर्माण के लिए 24 नवंबर 1949 में हुई, जिसमें 284 लोगों ने हस्ताक्षर किए। संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की गई थी, जिनमें 292 ब्रिटिश प्रांतों के प्रतिनिधि, 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्रों के प्रतिनिधि एवं 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि थे।
- राजस्थान से हस्ताक्षर करने वाले पहले व्यक्ति उदयपुर के बलवंत सिंह मेहता थे।
- संविधान निर्माण में राजस्थान के चित्रकार कृपाल सिंह शेखावत का योगदान था। उन्होंने प्रसिद्ध चित्रकार नंदलाल बोस के साथ मिलकर संविधान की मूल प्रति में चित्रकारी की थी।
- संविधान सभा में राजस्थान के 11 लोगों को राजस्थान की विभिन्न रियासतों से शामिल किया गया।
संविधान सभा के सदस्य (राजस्थान के निवासी)
| सदस्य नाम | रियासत |
| मुकुट बिहारी लाल भार्गव | अजमेर-मेरवाड़ा |
| माणिक्यलाल वर्मा | उदयपुर |
| जय नारायण व्यास | जोधपुर |
| बलवंत सिंह मेहता | उदयपुर |
| रामचंद्र उपाध्याय | अलवर |
| दलेल सिंह | कोटा |
| गोकुल लाल असावा | शाहपुरा (भीलवाड़ा) |
| जसवंत सिंह | बीकानेर |
| राज बहादुर | भरतपुर |
| हीरालाल शास्त्री | जयपुर |
| सरदार सिंह | खेतड़ी |
संविधान सभा के सदस्य (जो राजस्थान की रियासतों में प्रशासनिक अधिकारी थे)
| सदस्य नाम | रियासत (प्रशासनिक अधिकारी) | विशेषता |
| सर वी. टी. कृष्णामाचारी | जयपुर रियासत में प्रशासनिक अधिकारी | डी पी खेतान के निधन के बाद संविधान की प्रारूप समिति के सदस्यों बने। |
| सी. एस. वेंकटाचारी | जोधपुर | 6 जनवरी 1951 से 25 अप्रैल 1951 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे। |
| के. एम. पन्निकर | बीकानेर | स्वतंत्रता के बाद इन्हें चीन, फ्रांस तथा मिस्र का राजदूत बनाया गया। |
| सर. टी. विजयराघवाचार्या | उदयपुर | मेवाड़ के प्रधानमंत्री रहे। |
इनके अतिरिक्त राजस्थान मूल के प्रवासी भी विभिन्न क्षेत्रों से संविधान सभा के सदस्य चुने गए –
- बनारसीदास झुनझुनवाला (बिहार क्षेत्र से)
- प्रभुदयाल हिम्मत सिंह (पश्चिम बंगाल क्षेत्र से)
- पदमपत सिंघानिया (उत्तर प्रदेश क्षेत्र से)
