देवनारायण जी राजस्थान के एक लोक देवता, शासक और महान योद्धा थे। इनकी पूजा मुख्यतः राजस्थान, हरियाणा तथा मध्यप्रदेश में होती है। इनका भव्य मंदिर आसीन्द में है। भगवान देव नारायण जी को औषधि का देवता भी कहते हैं और इनकी पूजा नीम की पत्तियों से की जाती है।
देवनारायण जी भगवान का जन्म आसींद भीलवाड़ा , बगड़ावत परिवार में हुआ था और इनकी माता जी का नाम साडू माता, पिता जी का नाम सवाई भोज और पत्नी का नाम पीपलदे था देवनारायण जी का बचपन का नाम उदयसिंह था देवनारायण जी के मंदिर राजस्थान में आसींद भीलवाड़ा, देवमाली ब्यावर, देव धाम जोधपुरिया टोंक और देव डूंगरी चित्तौड़गढ़ में हैं
देवनारायण जी को विष्णु के अवतार के रूप में गुर्जर समाज द्वारा राजस्थान व दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश में अपने लोक देवता के रूप में पूजा की जाती है।
देवनारायण जी की फड़ में 335 गीत हैं । जिनका लगभग 1200 पृष्ठों में संग्रह किया गया है एवं लगभग 15000 पंक्तियाँ हैं । ये गीत परम्परागत भोपाओं को कण्ठस्थ रहते हैं । देवनारायण जी की फड़ राजस्थान की फड़ों में सबसे बड़ी है ।देवनारायण जी भगवान की फड़ का वजन गुर्जर जाति के भोपाओं के द्वारा जंतर वाद्य यंत्र पर किया जाता है
2 सितंबर 1992 और 3 सितंबर 2011 को 5 रुपये के भारत पोस्ट द्वारा स्मारक डाक टिकट जारी किया गये थे।
देवनारायण जी का अन्तिम समय ब्यावर तहसील के मसूदा से 6km दूरी पर स्थित देहमाली ( देमाली ) स्थान पर गुजरा । भाद्रपद शुक्ला सप्तमी को उनका वहीं देहावसान हुआ। इसी कारण देवनारायण जी का भाद्रपद शुक्ल सप्तमी को यहाँ प्रतिवर्ष एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है
प्रमुख मंदिर
आसीन्द,भीलवाड़ा – जहाँ इनकी जन्म तिथि माघ शुक्ला छठ एवं भाद्रपद शुक्ला सप्तमी को धार्मिक मेले का आयोजन होते हैं।
देवमाली, ब्यावर – जिन्हें स्वयं देवनारायण और मालासारी द्वारा स्थापित सबसे शुरुआती मंदिर माना जाता है, जहां देवनारायण का जन्म हुआ था।
देव डूंगरी , चित्तौड़ – मेवाड़ के महाराणा सांगा श्री देवनारायण के बड़े भक्त थे और कहा जाता है कि उन्होंने देवजी की स्मृति में मंदिर का निर्माण कराया था।
देव धाम ,जोधपुरिया निवाई, (टोंक)- इस मंदिर में देशी घी की अखंड ज्योति जलती रहती है।राजस्थान के टोंक जिले की देवधाम (जोधपुरिया) नामक जगह पर खाराखुर्शी नदी, बांडी नदी तथा मांसी नदी के द्वारा त्रिवेणी संगम बनाया जाता है। इस बाँध का नाम मासी बांध है।
राजस्थान राज्य सरकार ने भगवान देवनारायण के नाम से देवनारायण स्कूटी योजना भी शुरू कर रखी है। जिसके तहत राज्य सरकार 12वीं कक्षा में 50त्न प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त कर कॉलेज व युनिवर्सिटी में प्रवेश पाने वाली बंजारा, लोहार, गूर्जर, राईका, रैबारी आदि जाति की छात्राओं को स्कूटी प्रदान करती है।