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राजस्थान के जैविक उद्यान (बायोलॉजिकल पार्क)

राजस्थान के जैविक उद्यान (बायोलॉजिकल पार्क)

राजस्थान के जैविक उद्यान: वर्तमान में राजस्थान में 5 बायोलॉजिकल पार्क (जैविक उद्यान) है राजस्थान में कई राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य हैं, लेकिन जैविक उद्यान एक विशेष श्रेणी के हैं, जो संरक्षण, शिक्षा और जानवरों के लिए एक सुरक्षित आवास प्रदान करने पर केंद्रित हैं। राजस्थान के जैविक उद्यान (बायोलॉजिकल पार्क) राज्य की समृद्ध जैव विविधता का प्रमाण हैं।

जैविक उद्यान के अंतर्गत सरकार एक ऐसे क्षेत्र को विकसित करती है जंहा किसी विशेष प्रजाति के वनस्पति या जीव- जंतुओं का संरक्षण और प्रबंध किया जाता है। राजस्थान में वर्तमान में 5 बायोलॉजिकल पार्क हैं। जो की निम्न प्रकार है

  • 1. सज्जनगढ़ जैविक उद्यान (उदयपुर)
  • 2. माचिया बायोलॉजिकल पार्क (जोधपुर)
  • 3. नाहरगढ़ जैविक उद्यान (जयपुर)
  • 4. अभेड़ा जैविक उद्यान (कोटा)
  • 5.मरुधरा जैविक उद्यान (बीकानेर)
बायोलॉजिकल पार्क जिलालोकार्पण वर्ष
सज्जनगढ़ जैविक उद्यान उदयपुर12 अप्रैल 2015
माचिया बायोलॉजिकल पार्क जोधपुर20 जनवरी 2016
नाहरगढ़ जैविक उद्यान जयपुर4 जून 2016
अभेड़ा जैविक उद्यान कोटा18 दिसम्बर 2021
मरुधरा जैविक उद्यान बीकानेरनिर्माण कार्य चल रहा है

1. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क (जयपुर) – नाहरगढ़ जैविक उद्यान राजस्थान के जयपुर में स्थित है. नाहरगढ़ जैविक उद्यान का लोकार्पण जयपुर में 4 जून 2016 को हुआ था।उसके बाद 2016 में राम निवास जयपुर चिड़ियाघर को नाहरगढ़ प्राणी उद्यान में स्थानांतरित कर दिया गया। नाहरगढ़ जैविक उद्यान बनाने की घोषणा सबसे पहले हुई थी

अरावली पहाड़ियों की गोद में बसा यह पार्क वन्यजीव प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। यह सिर्फ एक चिड़ियाघर नहीं है यह विभिन्न प्रकार के जानवरों और पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है। यह विशेष रूप से बंगाल टाइगर, एशियाई शेर, तेंदुआ और सुस्त भालू जैसे जानवरों के लिए जाना जाता है। आप यहाँ सांभर और चीतल जैसे हिरण और विभिन्न प्रकार के पक्षी भी देख सकते हैं, जो इसे पक्षी प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान बनाते हैं।

हाथी सफारी और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नाहरगढ़ जूलॉजिकल पार्क बनाया गया था। नाहरगढ़ जैविक उद्यान की हाथी सफारी काफी लोकप्रिय है।

राजस्थान में पर्यटकों के सर्वाधिक आगमन और पर्यटकों से सबसे ज्यादा आय वाला जैविक उद्यान नाहरगढ़ जैविक उद्यान है।

2. सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क( उदयपुर)- सज्जनगढ़ जैविक उद्यान राजस्थान का पहला बायोलॉजिकल पार्क है। 12 अप्रैल 2015 को सज्जनगढ़ जैविक उद्यान लोकार्पण हुआ था। सज्जनगढ़ जैविक उद्यान राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित है.

उदयपुर में प्रसिद्ध मानसून पैलेस (सज्जनगढ़ पैलेस) के नीचे स्थित, सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ ऐतिहासिक महत्व को भी जोड़ता है। इस पार्क की स्थापना का उद्देश्य क्षेत्र की जैव विविधता को सुरक्षित करना और लुप्तप्राय जानवरों के लिए एक सुरक्षित घर प्रदान करना था। यहां सरीसृप, बाघ, नीलगाय, सांभर, वन्य सूअर, हनीस, पेंथर और गॉल्स देखे जा सकते हैं।

इस पार्क की एक अनूठी विशेषता इसका ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) ऐप है। यहाँ आने वाले लोग ऐप का उपयोग करके पार्क के शुभंकर के साथ बातचीत कर सकते हैं और जानवरों के बारे में अधिक जान सकते हैं।

3. माचिया बायोलॉजिकल पार्क (जोधपुर) – माचिया जैविक उद्यान राजस्थान के जोधपुर में कायलाना झील के पास स्थित है। 20 जनवरी 2016 को माचिया जैविक उद्यान लोकार्पण हुआ। जोधपुर का माचिया बायोलॉजिकल पार्क परिवार के साथ घूमने के लिए एक आदर्श स्थान है। यह रेगिस्तान और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों के वन्यजीवों में रुचि रखने वालों के लिए एक प्रमुख गंतव्य है। माचिया सफारी पार्क में हिरण, रेगिस्तानी लोमड़ी, नीलगाय, जंगली बिल्लियाँ और विभिन्न प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं। आप पार्क के माध्यम से जीप सफारी का आनंद ले सकते हैं। पार्क के किले से सूर्यास्त का शानदार दृश्य भी देखने को मिलता है, जो आपकी यात्रा को यादगार बना देता है।

4. अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क (कोटा) – 18 दिसंबर 2021 को अभेड़ा जैविक उद्यान लोकार्पण हुआ। अभेड़ा जैविक उद्यान राजस्थान के कोटा जिले में स्थित एक बायोलॉजिकल पार्क है।

5. मरुधरा जैविक उद्यान (बीकानेर) – मरुधरा जैविक उद्यान, राजस्थान के बीकानेर में स्थित है, जिसे वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया है। यह उद्यान मरुस्थलीय क्षेत्र की जैव-विविधता को प्रदर्शित करता है और स्थानीय प्रजातियों, जैसे चिंकारा, काले हिरण, और विभिन्न पक्षियों को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मरुधरा जैविक उद्यान का अभी भी निर्माण कार्य चल रहा है, इसका अभी उद्घाटन नहीं हुआ है।

6. पुष्कर जैविक उद्यान (अजमेर) – पुष्कर जैविक उद्यान अभी निर्माणाधीन है।

जैविक उद्यान में किसी विशेष जानवर को रखने के लिए उसके अनुकूल प्राकृतिक वातावरण बनाया जाता है, जिससे पर्यटक के क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलता है, जैसे जयपुर के नाहरगढ़ बायलॉजिकल पार्क में पर्यटको के लिए टाइगर सफारी उपलब्ध कराई जाती है, इसके लिए लोगो को रणथम्भौर टाइगर रिज़र्व या सरिस्का टाइगर रिज़र्व जाना नहीं पड़ता है। जैविक उद्यान आमतौर पर शहरों या कस्बों के पास स्थित होते हैं, ताकि पर्यटक आसानी से विजिट कर सके।

जैविक उद्यान का महत्त्व:-

लुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण: इनमें से कई पार्क महत्वपूर्ण प्रजनन कार्यक्रमों में शामिल हैं जो दुर्लभ और लुप्तप्राय जानवरों को विलुप्त होने से बचाने में मदद करते हैं।

शिक्षा और जागरूकता: ये शैक्षिक केंद्रों के रूप में कार्य करते हैं, जहाँ आगंतुकों को जैव विविधता के महत्व और वन्यजीव संरक्षण की चुनौतियों के बारे में सिखाया जाता है।

इको-टूरिज्म: जानवरों को देखने के लिए एक सुरक्षित और सुखद वातावरण प्रदान करके, वे स्थायी इको-टूरिज्म को बढ़ावा देते हैं और संरक्षण प्रयासों के लिए धन जुटाने में मदद करते हैं।

सीएम भजनलाल शर्मा ने भरतपुर में बायोलॉजिकल पार्क खोलने की योजना है. ऐसे में राजस्व विभाग के साथ मिलकर केवलादेव उद्यान के मलाह क्षेत्र व आगरा-जयपुर हाइवे पर कुछ जमीनों का सर्वे किया गया है. साथ ही प्रस्ताव तैयार कर अनुमोदन के लिए राज्य सरकार को भेजा गया है. वहीं, इस पार्क के निर्माण में करीब 70 करोड़ खर्च करने की योजना है.

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