कालीबंगा का शाब्दिक अर्थ ‘काली रंग की चूड़ियाँ’ है, कालीबंगा में मिली तांबे की काली चूड़ियों की वजह से ही इसे कालीबंगा कहा गया। पंजाबी में ‘बंगा’ का अर्थ चूड़ी होता है, इसलिए कालीबंगा अर्थात काली चूड़ियाँ
कालीबंगा सभ्यता राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में घाघर नदी (प्राचीन नाम सरस्वती नदी) के तट पर स्थित है। यह सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्राचीन स्थल है। कालीबंगा सभ्यता को नगरीय और कांस्ययुगीन सभ्यता माना जाता है।
कालीबंगा सभ्यता को पहली बार 1952 में अमलानंद घोष द्वारा खोजा गया था। कालीबंगा एक ऐतिहासिक स्थल है जिसने सिंधु घाटी सभ्यता के विकास और पतन को समझने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
उत्खननकर्ता (1961 से 1969)
- (a). श्री बृजवासी लाल (बी. वी. लाल )
- (b). श्री बालकृष्ण थापर (बी. के. थापर)
- (c). एम.डी. खरे
- (d). के.एम. श्रीवास्तव
- (e). एस.पी. जैन
- दशरथ शर्मा के अनुसार कालीबंगा, हड़पा सभ्यता की तीसरी राजधानी थी।
- यहाँ पर कपास की खेती के अवशेष, लकड़ी के कुंड, सात अग्नि वेदियाँ, ग्रिड पैटर्न में जोता हुआ खेत, भूकंप आदि के प्रमाण मिले हैं।
- कालीबंगा में विश्व का सर्वप्रथम जोता हुआ खेत मिला है।
- कालीबंगा में विश्व का सर्वप्रथम भूकंप की जानकारी मिली है।
- कालीबंगा से सिंधु घाटी (हड़प्पा) सभ्यता की मिट्टी पर बनी मुहरें मिली हैं
- मेसोपोटामिया की बेलनाकार मुहर यहाँ मिली है, जिसे मेसोपोटामिया सभ्यता की जानकारी मिलती है
- कालीबंगा में 1985 ई. में संग्रहालय स्थापित किया गया।
- मिट्टी के बर्तनों और मुहरों पर लिखी हुई लिपि सैंधव थी।इसमें ड्रेनेज सिस्टम ठीक से विकसित नहीं था।
- अग्नि वेदी लोगों के धार्मिक विश्वास को प्रकट करती पाई गई।
- यहाँ पर से मकानों से पानी निकालने के लिए लकड़ी की नालियों का प्रयोग किया जाता था।
- सिंधु घाटी सभ्यता के अन्य केन्द्रो से भिन्न कालीबंगा में एक विशाल दुर्ग के अवशेष भी मिले हैं जो यहाँ के मानव द्वारा अपनाए गए सुरक्षात्मक उपायों का प्रमाण है।
- कमरे में दरवाजे लगाने और पक्की ईंटों का फर्श इसी सभ्यता के प्रमाण हैं।
सोठी सभ्यता – Sothi Civilization :- बीकानेर के आस-पास की सभ्यता को सोती सभ्यता के नाम से जाना जाता है और मुख्य सोठी सभ्यता स्थल अब हनुमानगढ़ में है।
- अमलानंद घोष ने सोठी सभ्यता को काली बग्गा सभ्यता का उद्गम स्थल बताया।
- सोठी सभ्यता एक ग्रामीण सभ्यता थी।
- यह घाघर और चौटांग नदी के मैदान पर स्थित है।इतिहासकारों ने इसे हड़प्पा सभ्यता का मूल स्थान बताया है।
